अभ्यर्थियों की शिकायतों पर सीएम योगी का निर्देश
लखनऊ 17-18 फरवरी को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी गई है। अभ्यर्थियों की शिकायतों और परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री ने छह महीने में फिर से परीक्षा करवाने का आदेश दिया है। परीक्षा में गड़बड़ियों की शिकायतों की जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी।
अब तक की सबसे बड़ी सिपाही भर्ती (60 हजार पद) के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा के दौरान प्रदेश के कुछ केंद्रों पर प्रश्नपत्र लीक होने की शिकायतें आई। इसके बाद कई जगह अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों ने भी इसे मुद्दा बनाया। अभ्यर्थियों के विरोध को देखते हुए शनिवार को मुख्यमंत्री ने इसकी समीक्षा की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने परीक्षा निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। आदेश के मुताबिक इस परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके सभी
परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं
युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ और परीक्षा की शुचिता से समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है। - योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री
■ शासन ने भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, जिम्मेदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की जाए। शासन ने प्रकरण की जांच एसटीएफ से कराते हुए दोषी व्यक्ति व संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
■ दोबारा परीक्षा होने पर परिवहन निगम की बसों से अभ्यर्थियों को निशुल्क आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने और आगामी छह माह के अंदर ही फिर परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने परीक्षा निरस्त करने का आदेश भी जारी कर दिया है। जारी आदेश के मुताबिक, 17 और 18 फरवरी 2024 को सम्पन्न हुई पुलिस भर्ती परीक्षा के संबंध में प्राप्त तथ्यों एवं सूचनाओं के परीक्षण के आधार पर शासन द्वारा परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।